Gastrointestinal Soft Diet Food List in Hindi
Gastrointestinal Soft Diet Food मुख्य रूप से उन लोगो के लिए आवश्यक हे जिन लोगो को पाचन की समस्या होती हे। उन लोगो के लिए गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल नरम आहार को खाने के लिए कहा जाता हे। क्यों की कई आहार ऐसे होते हे जिनका पाचन नहीं हो पता हे। मगर आज हम आपके लिए Gastrointestinal Soft Diet Food List लेके आये हे जिसे आपको पाचन तंत्र की समस्या हे, तो आप इस आहार को आपके दैनिक आहार में शामिल कर सकते हे।
Gastrointestinal Soft Diet क्या हे
गेस्ट्रोइंटेस्टीलनल नरम आहार मुख्य रूप से ऐसा आहार हे जिनका पाचन आसानी से हो जाता हे हमारे पेट में जिसे आपको पाचन में समस्या नहीं हो सकती हे। और गेस्ट्रोइंटेस्टीलनल नरम आहार उन लोगो के लिए शामिल किया जाता हे जिनका पाचन तंत्र कमजो हुवा हे कई स्वास्थ्य बीमाररिया की वजसे या अन्य किसी कारण की वजसे उन लोगो को डॉक्टर नरम आहार खाने के लिए चूचित किया जाता हे।
Gastrointestinal Soft Diet का फायदा क्या हे।
गेस्ट्रोइंटेस्टीलनल नरम आहार का मुख्य रूप से फायदा ये हे की आपका खाना सही से और अच्छे से पाचन हो जाता हे जिसे आपको पोषक तत्व मिल सके और आप कमजोर पाचन तंत्र की वजसे होने वाले स्वास्थ्य नुकसान से बच सकते हो जैसे की पेट दर्द, गैस एसिडिटी की समस्या और उब्का जैसी समस्या न हो यह मुख्य फायदा हे गेस्ट्रोइंटेस्टीलनल नरम आहार का।
Gastrointestinal Soft Diet Food List in Hindi
यहाँ पर हमने आपके लिए कुछ बेहतरीन Gastrointestinal Soft Diet Food List को शामिल किया हे जिसे आपको आसानी से पत्ता चल सके की गैस्ट्रोइंटेस्टिनल नरम आहार में हम कौन सी चीजों को हमारे आहार में शामिल कर सकते जिसे हमारा पाचन तंत्र अच्छा हो जाये। तो आये देखते हे गैस्ट्रोइंटेस्टिनल नरम आहार का लिस्ट।
गर्म की हुवी या पकायी हुवी सब्जियां
गर्म या पकाय हुवी सब्जियां हमारे पाचन के लिए बेहद जरुरी होती हे। क्यों की कई ऐसी सब्जियां होती हे उसमे हमें विटामिन और ऊर्जा तो मिलती हे मगर उस में सही मात्रा में फाइबर होते हे जिसे पेट की दीवारों को अच्छा और स्वस्थ रखने में मदद मिलती हे
गाजर
में मुख्य रूप से बहुत सारे विटामिन और सही मात्रा में फायबर होते हे जिसके कारण हमारे पेट को गाजर को पचने में और हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक को स्वस्थ और अच्छा रखने में मदद मिल सकती हे। और हम गाजर का इस्तेमाल गाजर को पक्का के या गरम करके सलाद में इस्तेमाल कर सकते हे।
आलू
आलू में कम मात्रा में फेट और भरपूर मात्रा में कार्बोहीड़ारते और फाइबर होते हे जिसके कारण आलू का पाचन करना हमारे पेट के लिए सरल हो जाता हे। जिसे हमारी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक अच्छा और स्वस्थ रहता हे। जिसे पाचन जैसी समस्या में फायदा मिलता हे।
मीठे आलू
मीठे आलू हमारे शरीर को ऊर्जा देने के साथ साथ कई पोषक तत्व प्रदान करते हे। जिसके कारण सही मात्रा में फायबर मिलने की वजसे हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक की दीवारों में फायदा होता हे। उसके साथ साथ हमारे पाचन तंत्र को मीठे अल्लू को पचने में आसानी होती हे।
मशरूम
मशरूम में सही मात्रा में फाइबर और विटामिन के साथ-साथ हमारे पाचन तंत्र के लिए आवश्यक फाइबर पाया जाता है जिसकी वजह से मशरूम का इस्तेमाल हम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल नरम आहार के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पाचन तंत्र को मशरूम को बचाने के लिए आसानी होती है।
कद्दू
कद्दू में सही मात्रा में फाइबर उसके साथ-साथ हमारे पाचन तंत्र को आवश्यक विटामिन और पोषक तत्व मिलते हैं, उसके साथ-साथ हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने के साथ हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक को अच्छा बनाने के लिए बेहद फायदेमंद है।
पके हुए फल या छिले हुवे फल
पके हुए फल और सिले हुए फल हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक क लिए नरम होते हैं जिस वजह से उसका पाचन आसानी से हो जाता है इस वजह से पके हुए फल का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसका इस्तेमाल करने से हमारे पाचन तंत्र को पाचन करने में समस्या नहीं होती है, उसे वजह से पके हुए फल या छिले हुए फल का इस्तेमाल किया जाता है जिन में शामिल है।
केला
केला हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ हमारे पाचन तंत्र को सही बनानेमें मदद करता है उसके साथ-साथ अगर आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या है तो आप नरम आहार के रूप में केले का समावेश कर सकते हो क्योंकि केले में सही मात्रा में फाइबर और विटामिन होते हैं, जो आसानी पाचन हो जाते हैं।
नाशपती
नाशपाती का इस्तेमाल नरम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल आहार में किया जाता हे क्यों की नाशपाती में भरपूर पोषक तत्व के साथ साथ सही मात्रा में फायबर पाए जाते हे।जिस वजसे नाशपाती हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य को अच्छा बनाने में हमें मदद रूप होती हे।
पक्की हुवी नाशपाती का इस्तेमाल आप उसके छिलके निकल के खाने में इस्तेमाल कर सकते हो। उसके साथ साथ आप
अनाज या उबला हुवा अनाज
कई अनाज और उबले हुए अनाज हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लिए नरम होते हैं और जिनको पचना हमारे पाचन तंत्र के लिए आसान होता है जिस वजह से कौन अनाज को शामिल किया जाता है जिससे पाचन तंत्र को आसानी हो आहार को बचाने में और आवश्यक न्यूट्रिशन फॉर विटामिन हमारे शरीर को मिलते रहे दिन में शामिल है
चावल
अक्सर हमें डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं की आपको पाचन की समस्या है तो आपको हल्का या धर्म आहार को आपके दैनिक जीवन से लेने शामिल करना चाहिए
दलीया
दलीया का इस्तेमाल नरम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल आहार के रूप में किया जाता हे। क्यों की दलीया को पाचन करने में हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक को आसानी होती हे। और दलीया का इस्तेमाल करने से हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकते हे।
दूध और दूध से बने आहार
देरी प्रोडक्ट में सही मात्रा में पोषक तत्व के साथ साथ वितमणि होते हे। जिस वजसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में फायदा होता हे। जिन लोगो को पाचन की समस्या होती हूँ लोगो को अक्षर डॉक्टर सलाह और सूचन देते हे की आपको दूध और दही जैसी चीजों का अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
दूध
दूध में सही मात्रा में विटामिन और पोषक तत्व होते हे, और हमारे पाचन के लिए नरम होता हे जिस वजसे दूध का इस्तेमाल नरम आहार में किया जाता हे। और दूध पंचन की समस्या में फायदा देता हे। जिस वजसे डॉक्टर हमने सलह देते हे की आपको पाचन की समय हे तो आपको दूध का इस्तेमाल करना चाहिए
दही
दही में मुख्य रूप से पोषक तत्व के साथ साथ लैक्टिक एसिड बेसिलस नमक बक्टेरिया होते हे। जो हमारे पाचन के लिए बहुत फायदे मंद होते हे।और हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लिए बेहद जरुरी होता हे।उस वजसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल नरम आहार में दही को शामिल किया जाता हे।
अंतिम शब्द
आज आपको हमारी पोस्ट की मदद से आसानी से पत्ता चल गया होगा की Gastrointestinal Soft Diet Food List में कोन से आहार को शामिल किया जाता हे। और उसकी आवश्कयता क्यों हे हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक और हमारे पाचन तंत्र के लिए क्यों जरुरी हे, जिस के बारे में हमने आपको विस्तृत में बतया हे।
नॉट: इस पोस्ट केवल स्वास्थ्य अभ्यास और जानकारी के लिए हे। कृपया इस का इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकितच्क या हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर से लीजिये।